Saturday, November 15, 2008

Freedom..

wanted to try the hindi recognition thing on this... works brilliantly well.. this is one of my first poems i think... and i guess the only hindi poem that i still remember..

आज़ादी

मना रहे हैं स्वर्ण जयन्ती
हम अपनी आज़ादी की।
याद में उन वीरों की जिनका
जीवन यह आज़ादी थी॥

वीर शिवाजी, लक्ष्मी बाई,
भगत सिंह और आजाद।
ऐसे वीर सेनानी हमको
सदा रहेंगे याद॥

गांधीजी और लाल बहादुर
भारत के थे लाल महान
एक का नारा अमन,
एक का " जय जवान जय किसान"

क्या हिंदू, क्या मुस्लिम,
क्या सिख और क्या ईसाई,
कूद पड़े जंग-ऐ-मैदान में
और ये आज़ादी पाई॥

अपनी आज़ादी की फसल हमने,
लहू से सींच कर है उगाई।
रखना उस बलिदान को याद,
फिर ना बिछडे भाई-भाई॥

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