Monday, December 30, 2013

Dil Akhir tu kyon rota hai?

जब जब दर्द का बादल छाया
जब गम का साया लहराया
जब आँसू पलकों तक आया
जब ये तनहा दिल घबराया
हम ने दिल को ये समझाया

दिल आखिर तू क्यों रोता है?
दुनिया में यूहीं होता है

ये जो गहरे सन्नाटे हैं
वक्त ने सबको ही बांटे हैं

थोड़ा गम है सबका किस्सा
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा 

आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मौसम है

क्यों तू ऐसे पल खोता है?
दिल आखिर तू क्यों रोता है?

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